पहले छतरपुर डीडीए को गड़बड़ बता सतना भिजवाया, अब सतना तबादला रुकवा सागर भेजने की अनुशंसा
सतना
कृषि मंत्री ने छतरपुर से स्थानांतरित कर सतना के उप संचालक कृषि पद पर भेजे गए मनोज कश्यप का तबादला बदलने के लिए नोटशीट चलाई है। यहां उल्लेखनीय यह है कि कश्यप का छतरपुर से सतना तबादला भी कृषि मंत्री की ही अनुशंसा पर हुआ था। इसके लिए नोटशीट बकायदे सीएम तक गई और वहां से सहमति के बाद तबादला आदेश जारी हुआ था। अब इसी तबादला आदेश को बदलने की कवायद नए सिरे से शुरू कर दी गई है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने गत जनवरी में कश्यप के तबादले की अनुशंसा की फाइल चलाई थी। इसमें मंत्री ने उप संचालक कृषि मनोज कश्यप को अनियमितताओं का दोषी माना था। इसके बाद यह नोटशीट एसीएस कृषि से होते हुए मुख्यमंत्री के पास तक पहुंची। मुख्यमंत्री ने मामले को देखते हुए इस पर सहमति देते हुए नोटशीट सीएस के पास भेज दी। यहां से भी ग्रीन सिग्नल होने पर शासन ने गत 7 फरवरी को कश्यप का छतरपुर से सतना जिले के लिए तबादला आदेश जारी कर दिया। हैरानी की बात रही कि कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री की अनुशंसा व शासन के आदेश के बावजूद कश्यप को तुरंत सतना के लिए रिलीव नहीं किया गया। पिछले सप्ताह सागर संभागायुक्त ने इस पर संज्ञान लिया और कश्यप को तुरंत भारमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश की पालना करते हुए छतरपुर कलेक्टर ने उप संचालक कश्यप को रिलीव कर दिया, हालांकि कश्यप ने सतना में पदभार नहीं संभाला है।
तबादले के बाद रिलीविंग रुकवाई
जब मुख्यमंत्री की सहमति के बाद राज्य शासन ने उपसंचालक कश्यप का तबादला आदेश जारी कर दिया तो अचानक से कृषि मंत्री ने कश्यप को भारमुक्त नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए। हालांकि इसको लेकर सवाल खड़े हुए थे। लेकिन कमिश्नर सागर ने शासन के आदेश की पालना को तव्वजो दी और कश्यप को भारमुक्त कर दिया।
अब नई अनुशंसा
इधर सतना में काफी समय से रिक्त पड़े उप संचालक कृषि पद के भरे जाने का इंतजार हो रहा था, उधर कृषि मंत्री ने गत 2 मार्च को फिर एक नई नोटशीट एसीएस कृषि अशोक वर्णवाल के लिए चला दी। इसमें कश्यप को सतना भेजने के स्थान पर सागर में उप संचालक कृषि बनाने की अनुशंसा की गई है। कारण बताया है कि सागर उपसंचालक बाबूलाल मरावी की गंभीर अनियमितता की शिकायतें आ रही हैं। सतना के उप संचालक पद का क्या होगा, नोटशीट में इस बाबत कोई उल्लेख नहीं है। जबकि सतना का पद काफी लंबे समय से रिक्त पड़ा हुआ है।
आगे क्या...
एसीएस इस नोटशीट को मुख्य सचिव या सीधे मुख्यमंत्री को भिजवाएंगे। वहां से जैसी व्यवस्था मिलेगी, उसके आधार पर शासन से आदेश जारी हो जाएंगे।
खाद कारोबारियों का दखल चर्चा में
दरअसल सतना जिला खाद के हिसाब से बड़ा कारोबारी जिला है। यहां से सीधी, रीवा, पन्ना, सिंगरौली आदि जिलों में खाद जाती है। इसकी आड़ में खाद का लाखों करोड़ों का कालाबाजारी का खेल होता है। तत्कालीन डीडीए (उपसंचालक कृषि) केसी अहिरवार ने इसका खुलासा किया था। इसके बाद खाद माफिया से टकराने का परिणाम उनके तबादले के रूप में सामने आया था। तब भी कृषि मंत्री ही इस तबादले को लेकर गंभीर रहे। उनके तबादले के बाद सतना जिले में किसी को नहीं भेजा। इसके बाद यहां पीडी आत्मा के रूप में राजेश त्रिपाठी की पदस्थापना हुई। उन्हें डीडीए का चार्ज दे दिया गया। लेकिन उप संचालक का पद रिक्त ही रहा आया। इसी बीच छतरपुर डीडीए के सतना तबादले की खबर आती है। जैसे ही यह खबर सतना पहुंचती है प्रभारी डीडीए का दौरा भोपाल के लिए शुरू हो जाता है। इस दौरान कई खाद कारोबारी भी भोपाल में देखे जाते हैं। इस घटना के बाद मंत्री कमल पटेल की नई नोटशीट चल जाती है।