जनपद पंचायत मझौली की ग्राम पंचायत हटौली में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद, अब तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हटौली / जनपद मझौली, जबलपुर
इससे न केवल ग्रामीणों में आक्रोश है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ग्रामीणों द्वारा RTI और जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, लेकिन न जांच बैठाई गई, न पंचायत सचिव या रोजगार सहायक से स्पष्टीकरण मांगा गया।
कहां-कहां गड़बड़ी के आरोप:
* मनरेगा योजना में बिना काम के मजदूरी भुगतान
* पंचायत भवन मरम्मत और तालाब खुदाई में फर्जी मस्टररोल
* बिल बिना काम के, और कुछ मामलों में एक ही सामग्री की बार-बार खरीदी
* जाली GST बिल और नाम मात्र की गुणवत्ता
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
क्या यह प्रशासन की मिलीभगत है या लापरवाही.. ?
जब लगातार शिकायतें, दस्तावेज़ और गवाह सामने हैं, तो जांच क्यों नहीं?
क्या पंचायत विभाग में जवाबदेही नाम की कोई चीज़ नहीं बची है?
हटौली पंचायत के सभी विकास कार्यों का स्वतंत्र ऑडिट कराया जाए।
2. पंचायत सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक आदि पर एफआईआर व विभागीय कार्रवाई हो।
3. अब तक की शिकायतों और उनके निराकरण की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
4. जिला पंचायत CEO स्वयं हटौली का निरीक्षण करें।
इनका कहना है
हमने SDO से लेकर CEO तक को शिकायत की, लेकिन सिर्फ जांच का आश्वासन मिला। आज तक कोई अफसर मौके पर नहीं आया।
रमेश पटैल, ग्रामीण निवासी
सरकारी राशि से निजी जेबें भरी जा रही हैं, और अधिकारी चुप हैं। ये सीधा जनता के पैसों से धोखा है।**”
प्रिया अहिरवार, छात्रा