अनुभाग स्तर पर निगरानी समितियां गठित.
संवेदनशील क्षेत्रों में नजर रखेंगे ग्राम स्तरीय दल.
शिकायत प्राप्त करने चौबीस घण्टे कार्यरत रहेंगे कंट्रोल रूम.
जबलपुर
बाल विवाह के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने आयोजित की जा रहीं विभिन्न गतिविधियां.
जिले में अक्षय तृतीया तथा वर्ष भर के दौरान अन्य विवाह मुहूर्तों पर बाल विवाह की रोकथाम के लिये व्यापक रणनीति तैयार की गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में अनुभाग स्तर पर सात सदस्यों की निगरानी समितियां गठित की गई हैं, वहीं बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने जिला स्तर से लेकर खण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं तथा संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय दलों का गठन भी किया गया है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने समाज से भी आगे आकर प्रशासन को सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने की सूचना जिला स्तरीय या खण्ड स्तरीय कंट्रोल रूम, पुलिस कंट्रोल रूम, संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, थाना प्रभारी अथवा महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को दी जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास मनीष सेठ ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिये अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियां किसी भी स्तर से कहीं से भी बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल प्रभावी कदम उठाकर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की संभावना को रोकने तथा बाल विवाह से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु जबलपुर जिले में ब्लॉक एवं परियोजना स्तर पर 13 कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं। इनके अलावा बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने एवं मैदानी स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित करने वन स्टॉप सेंटर में जिला स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमती मोहिनी पटसरिया को नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम दूरभाष नंबर 0761-2625527 पर कोई भी नागरिक बाल विवाह की सूचना दे सकेगा। खण्ड स्तर एवं जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम 29 अप्रैल से लेकर एक मई तक चौबीस घण्टे शिकायत प्राप्त करने हेतु कार्यरत रहेंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम हेतु अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियां ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय दलों के साथ बाल विवाह की रोकथाम हेतु जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करेंगी जहाँ बाल विवाह होने की संभावना हो। ग्राम स्तरीय दल बाल विवाह के आयोजन की तैयारियों पर नजर भी रखेंगी तथा इसकी सूचना समय पूर्व अनुभाग स्तरीय समिति, संबंधित थाना प्रभारी तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को देकर ऐसे आयोजनों को रोकने का प्रयास करेंगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार इसके साथ ही जनसमुदाय को जागरूक करने तथा हेल्पलाइन नंबर जैसे 181, 100 एवं 1098 का 30 अप्रैल के पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के शासन के निर्देशों के पालन में आज सोमवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल विवाह की रोकथाम हेतु जागरूकता रैली का आयोजन किया गया एवं क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जन समुदाय को बाल विवाह की रोकथाम हेतु शपथ दिलाई गई तथा इस तरह की कुरीतियों को रोकने सामूहिक संकल्प लिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल https://stopchildmarriage.wcd.gov.in पोर्टल बनाया गया है। आम नागरिक इस पोर्टल पर भी बाल विवाह होने शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले में बाल विवाह की शिकायत प्राप्त करने हेतु शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्तर पर सूचना दल भी गठित किये गये हैं। सूचना दलों में पंच, सरपंच, सचिव, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा शौर्य दल, स्व-सहायता समूह एवं मातृ सहयोगिनी समिति के सदस्यों को शामिल किया गया है। ये संबंधित क्षेत्र में निगरानी रखेंगे तथा बाल विवाह होने की आशंका पर सूचना देने हेतु उत्तरदायी होंगे। उन्होंने बताया की बाल विवाह की रोकथाम के लिये कड़े कानूनी प्रावधान भी किये गये हैं। बाल विवाह करने में सहयोग करने वाले व्यक्ति, सेवा प्रदाता अथवा संस्था को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत दो वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से एक साथ दंडित किया जा सकता है।