जनसामान्य के हित सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा पर्यावरण की हानि को रोकने एवं लोक व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश किया जारी
दमोह
कंबाईन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस अथवा स्ट्रा रीपर में से कोई एक मशीन साथ में रहना अनिर्वाय रहेगा
अधिकतम 15 हजार रूपये तक अर्थदण्ड का प्रावधान
विकासखण्डवार नरवाई प्रबंधन हेतु होंगे प्रदर्शन
प्रदेश में धान एवं गेहूं मुख्य फसल के रूप में ली जा रही हैं। उक्त फसलों की कटाई मुख्य रूप से कंबाईन हार्वेस्टर के माध्यम से होने, कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई उपरांत फसल की नरवाई में आग लगाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होने तथा नरवाई में आग लगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी तथा पर्यावरण गंभीर रूप से प्रभावित होता है। नरवाई में आग लगाने की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण रखने, जन सामान्य के हित सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा पर्यावरण की हानि को रोकने एवं लोक व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत दमोह जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डनीय होगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा नरवाई में आग लगाने की घटनाओं की सेटेलाईट मेंपिग की जा रही है। राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति 2014 के अंतर्गत फसल अवशेष प्रबंधक हेतु जिला स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन समिति का गठन 25 सितम्बर 2020 को किया गया है। वर्तमान में रबी की फसल की कटाई प्रारंभ हो चुकी है।
जारी आदेशानुसार फसलों की कटाई में उपयोग किये जाने वाले कंबाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। जिलें में गेंहू की नरवाई से कृषक भूसा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनकी मांग को देखते हुये स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के स्थान पर स्ट्रा रीपर के उपयोग को अनिवार्य किया जा सकता है, अर्थात कंबाईन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस अथवा स्ट्रा रीपर में से कोई भी एक मशीन साथ में रहना अनिवार्य रहेगा।
जिले में चलने वाले कंबाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंन्ट सिस्टम/स्ट्रा रीपर अनिवार्य किया गया है, जिसमें जिला परिवहन अधिकारी एवं सहायक कृषि अभियांत्रिकी दमोह निरंतर निगरानी रखेगें, साथ ही बिना स्ट्रा रीपर के कंबाईन हार्वेस्टर चलाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही करेंगे। खेत में फसल अवशेष/नरवाई जलाने से मृदा के लाभ-दायक सूक्ष्म जीव एवं जैविक कार्बन जलकर नष्ट हो जाता है, जिससे मृदा सख्त एवं कठोर होकर बंजर हो जाती है, एवं फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखा जा रहा है। अतः किसान बंधु फसल अवशेष/नरवाई न जलायें बल्कि इसका उपयोग अच्छादन/मल्चिंग एवं स्ट्रा रीपर से भूसा बनाकर पशुओं के भोजन या भूसे के विपणन से अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन से नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को प्रतिबंधित कर दंण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान किया गया है। नोटिफिकेशन से पर्यावरण सुरक्षा हेतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश क्रम में Air (Prevention & control of pollution) एक्ट 1981 के अंतर्गत प्रदेश में फसलों विशेषतः धान एवं गेंहू की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाये जाने हेतु प्रतिबंधित किया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू किये जाने के निर्देश है। निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर व्यक्ति/निकाय को नोटिफिकेशन प्रावधानानुसार पर्यावरण क्षति पूर्ति राशि देय होगी।
अर्थदण्ड की सीमा
कृषक जिनके पास 02 एकड़ से कम जमीन है, उन्हें 2500 रूपये प्रति घटना पर्यावरण क्षति पूर्ति अर्थदण्ड देय होगा। कृषक जिनके पास 02 एकड़ से अधिक एवं 05 एकड़ से कम जमीन है, उन्हे 5 हजार रूपये प्रति घटना अर्थदण्ड देय होगा। कृषक जिनके पास 05 एकड़ से अधिक जमीन है उन्हे 15 हजार रूपये प्रति घटना अर्थदण्ड देय होगा।
प्रचार-प्रसार संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी करेंगें। नरवाई प्रबंधक हेतु समुचित मात्रा में प्रत्येक विकासखण्ड में हैप्पी सीडर/सुपर सीडर की स्वीकृति/उपलब्धता सहायक कृषि यंत्री दमोह सुनिश्चित करेंगें। विकासखण्डवार प्रचार-प्रसार हेतु कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।
कार्यशाला विकासखण्ड दमोह के ग्राम गंभीरा, जबेरा के ग्राम मुआर, तेंदूखेड़ा के ग्राम सर्वाकुही एवं विकासखण्ड पटेरा के ग्राम देवरीरतन में 25 अक्टूबर 2024 से 15 नवम्बर 2024 तक कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
विकासखण्डवार नरवाई प्रबंधन हेतु होंगे प्रदर्शन
विकासखण्ड दमोह के ग्राम गंभीरा, दसौंदा एवं अभाना में 3 प्रदर्शन, विकासखण्ड जबेरा के ग्राम मुआर, पटना मानगढ़, नयागांव एवं धनेटा में 4 प्रदर्शन, विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा के ग्राम बम्होरी पांजी, बगदरी, सर्वाकुही एवं तिंदनी में 4 प्रदर्शन तथा विकासखण्ड पटेरा के ग्राम देवरीरतन, धनगुवां, पटना एवं महुना में 4 प्रदर्शन 25 अक्टूबर 2024 से 15 नवम्बर 2024 तक किये जायेंगे।
आदेश के परिपालन में निगरानी दल का गठन किया गया है। संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी, संबंधित क्षेत्र का पटवारी एवं संबंधित क्षेत्र का कोटवार निगरानी दल के सदस्य होंगे। सेटेलाईट से प्राप्त प्रतिदिन की घटनाएं उप संचालक कृषि के माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी। घटना की जानकारी प्राप्त होने के 48 घटे के अंदर निगरानी दल स्थल पर पहुंच कर पंचनामा तैयार कर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत करेंगें। तहसीलदार संबंधित अपचारी कृषकों को युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर एवं सुनवाई कर 15 दिवस के अंदर अर्थदण्ड अधिरोपित करेंगे।
अनुविभाग स्तरीय मॉनिटरिंग समिति
आदेश का पालन कराये जानें एवं उल्लंघन की स्थिति निर्मित न हो इस हेतु पर्यवेक्षण दल का गठन किया गया है। संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय कृषि अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पर्यवेक्षण दल के सदस्य होंगे।
जिला स्तरीय मॉनिटरिंग दल
जिला स्तरीय समिति में अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट दमोह अध्यक्ष एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास दमोह तथा सहायक कृषि यंत्री, किसान कल्याण तथा कृषि विकास दमोह दल के सदस्य होंगे।
आदेशानुसार उल्लेखित शर्तों का जिले में परिपालन सुनिश्चित करने के लिये उप-संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास अधिकारी दमोह नोडल अधिकारी होगें। आदेश में उल्लेखित किसी भी शर्त का उल्लंघन होने की स्थिति निर्मित होने पर संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी क्षेत्र के पटवारी के साथ संयुक्त जांच कर प्रतिवेदन संबंधित तहसीलदार को प्रस्तुत करेंगें, तहसीलदार संबंधित अपचारी कृषकों को युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर एवं सुनवाई कर 15 दिवस के भीरत शास्ति अधिरोपिण से संबंधित समुचित निर्णय लेंगे।
यह आदेश सर्व साधारण से संबंधित है एवं परिस्थितियां ऐसी है कि समय अभाव के कारण सर्वसाधारण को सूचना तामील नहीं की जा सकती और न ही सर्व साधारण से आपत्तियां प्राप्त की जा सकती है। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। एक पक्षीय से व्यक्तिश: कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(5) के अंतर्गत इस आदेश के विरुद्ध अपना पक्ष/आपत्ति या आवेदन इस न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है।