निलंबन अवधि मे खाद्य कारोबार का संचालन पूर्णतः प्रतिबंधित रहता है बावजूद भी बापू की कुटिया कोलार रोड़ रात्रि में संचालित है
भोपाल
कोलार रोड स्थित बापू की कुटिया का फूड लाइसेंस कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है।इस अवधि मे रेस्टारेंट का संचालन पुर्ण रूप से प्रतिबंधित रहता है लेकिन नियम कानून को धता बताकर रेस्टारेंट का संचालन चालू था । जब हमारे संवाददाता ने इस पर संचालक की प्रतिक्रिया लेना चाही तो गोलमोल जवाब दिया ।
गौरतलब हो की भोपाल नगर स्थित खाद्य प्रतिष्ठान बापू की कुटिया, ए -272, सर्वधर्म कॉलोनी कोलार रोड द्वारा विक्रय किये गये भोजन में कीट तिलचट्टा पाये जाने की शिकायत मिलने के पश्चात् खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया गया,मौके पर किचिन एवं स्टोर में स्वच्छता एवं खाद्य पदार्थों के रख-रखाव में कमियां पायी गई है जिस पर भोपाल कलेक्टर लवानिया के निर्देश पर निरीक्षण के दौरान पायी गई कमियों एवं शिकायत की गंभीरता को दृष्टिगत लोक स्वास्थ्य के हित में खाद्य सुरक्षा अभिहित अधिकारी संयुक्त कलेक्टर संजय श्रीवास्तव ने प्रतिष्ठान की खाद्य अनुज्ञप्ति क्रमांक 11417010000534 तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 31 के अन्तर्गत अनुज्ञप्ति निलंबन अवधि के दौरान प्रतिष्ठान से खाद्य कारोबार का संचालन पूर्णतः प्रतिबंधित होता है ।
पाबंदी के बाद भी रेस्टोरेंट का संचालन जारी
खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर लायसेंस निलंबित कर दिया फिर भी रेस्टारेंट का संचालन जारी होना कानून का खुला उलंघन है इस पर कठोर कार्यवाही जरूरी है नही तो कानून का मजाक बनता दिख रहा है नाम नही छापने की शर्त पर एक वही के कर्मचारी ने बताया की संचालक के सम्बध बडे बडे नेताओ के साथ है उनका कोई कुछ नही बिगाड सकता रेस्टारेंट कभी बंद नही हो सकता ।
ग्राहक की शिकायत पर हुई निलंबन की कार्यवाही
शहर के एक उपभोक्ता के द्वारा बापू की कुटिया रेस्टोरेंट से आर्डर किये गये खाने में कॉकरोच मिलने की शिकायत के बाद जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया है । निरीक्षण के दौरान स्टोर और किचन क्षेत्र में रखरखाव और स्वच्छता में की कमी पाये जाने के कारण लोक स्वास्थ्य के हित में संजय श्रीवास्तव, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा प्रशासन, भोपाल द्वारा खाद्य अनुज्ञप्ति तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कार्यवाही की गई थी।