राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सीईओ सुश्री दीप्ति मुखर्जी द्वारा वीडियो कॉनफ्रेंसिंग से आज नेशनल हेल्थ इकोसिस्टम अंतर्गत आभा आईडी बनाने के निर्देश दिये।
जबलपुर
इस आईडी के बनने से आम आदमी का डिजीटल हेल्थ रिकार्ड तैयार हो जायेगा। कोई भी व्यक्ति जो आभा नंबर धारक है उसे इलाज के लिये अलग-अलग अस्पतालों में बार-बार स्वास्थ्य जांच संबंधी प्रक्रिया नहीं करनी पड़ेगी। जैसे ही आभा नम्बर को शेयर करेंगे तो पूरे स्वास्थ्य संबंधी डाटा दूसरे अस्पताल को भी मिल जायेगा। इसमें मरीज को यूनिवर्सल हेल्थ कव्हरेज में सहायता मिलेगी। वीसी में उन्होनें कहा कि इस दिशा में प्रयास करें और लोगों में जागरूकता लायें जिससे वे अपना आभा नंबर जनरेट करा सकें। इसी प्रकार सभी पंजीकृत क्लीनिकल सेक्टर को भी इसमें जुड़ने को कहा, ताकि एप के माध्यम से बीमारी के हिसाब से डॉक्टर उपलब्ध हो सकें। इस एप से मध्यवर्गीय तथा गरीब व्यक्तियों को फायदा तो मिलेगा ही साथ ही उन्हें आसानी के साथ समय की बचत होगी। एक तरह से यह एप स्वास्थ्य का यूपीआई है। उन्होनें कहा कि बच्चे के जन्म से ही आभा आईडी बन जाने से उनके स्वास्थ्य के सारे रिकार्ड मिल जायेंगे। जबलपुर में जिला चिकित्सालय में यह प्रक्रिया की जा रही है और अभी तक जिले में 12 लाख लोगों के आभा नम्बर जनरेट हो चुके है। आभा आईडी के बारे में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के डायरेक्टर श्री वी किरण गोपाल ने विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जयति सिंह व सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।