संस्कारधानी जबलपुर से शिक्षा की हालात की ताजा तस्वीर सामने आई है
मझौली जबलपुर
जहां शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को आकार देने वाले शिक्षकों से बच्चों के भविष्य के निर्माण की उम्मीदें होती हैं,
वही शिक्षक जब स्कूल से नदारद रहे और स्कूल में पदस्थ शिक्षक उपस्थित ही न रहे
जहां के शिक्षक विनोद मांझी की गैर-जिम्मेदाराना हरकत बताकर शोसल मिडिया पर विडियो वायरल किया जा रहा है।
जमीन हकीकत यह है कि लगातार स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के समय पर स्कूल न पहुंचने का विरोध करने पर उन्हें स्कूल में पदस्थ शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
, मामले की जांच कर रहे बीईओ साहब की लापरवाही के चलते स्कूल में अनियमितताएं मिलने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं
शासकीय प्राथमिक शाला नंदग्राम में यदि बीईओ अतुल चौधरी द्वारा स्कूल का औचक निरीक्षण किया था तो किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
निरीक्षण के दौरान हेड मास्टर सहित शिक्षक स्कूल से गायब मिले। स्कूलों में कई अनियमितताएं भी पाई गईं। इसके बाद भी हेडमास्टर सहित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी क्यों नहीं किया गया।
संतोष जनक जबाब नहीं दे पा रहे हैं बीईओ अतुल चौधरी
समाज और अभिभावकों में गुस्सा
इस घटना ने समाज में भी गंभीर आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। अभिभावकों का मानना है कि शिक्षकों को बच्चों का मार्गदर्शन करने और उनका भविष्य संवारने की जिम्मेदारी दी गई है, न कि शिक्षक शाला से नदारद मिलते हैं। इस घटना ने अभिभावकों में शासकीय विद्यालयों की शिक्षण गुणवत्ता को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना शिक्षा प्रणाली की जिम्मेदारियों पर एक गंभीर सवाल उठाती है। एक शिक्षक के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार ने बच्चों के भविष्य को खतरे में डालने का प्रयास किया है। ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई और अनुशासनात्मक कदम आवश्यक हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।