सफलता की कहानी मनरेगा ने बंजर भूमि को बनाया उपजाऊ
कटनी
कार्य का नाम एवं वर्ककोड -: वृक्षारोपण कार्य विरासन मंदिर के पास, कचनारी 1744001026/डी.पी/22012034407752
स्वीकृत वर्ष -ः 2018 – 2019
संबंधित कार्य में जॉब कार्डधारी परिवार को कार्य उपलब्धता संख्या -: 323
कार्य की उपयोगिता एवं आवश्यकता-: जल संरक्षण संवर्धन एवं जैव विविधता हेतु
कार्य से लाभान्वित होने वाले व्यक्ति तथा परिवार -: सार्वजनिक लाभ
कार्य से हितग्राही, ग्रामीणों को हुये आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य लाभ का विवरण- : जैव विविधता, पर्यावरण संरक्षण, भू-क्षरण में रूकाव, जलसंरक्षण में वृद्धि एवं ग्राम पंचायत की आय में में संभावित वृद्धि।
हितग्राही, लाभार्थियों, सरपंच, सचिव के कार्य के संबंध में कथन एवं विचार
कार्य के संबंध में ग्राम रोजगार सहायक मुकेश बरकड़े द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत में वृक्षारोपण के पूर्व उक्त शासकीय भूमि को संभावित अतिक्रमण से बचाया जा सका है। ग्राम पंचायत के उक्त कार्य की देखरेख करने वाले श्री गिरवरलाल की अथक मेहनत शुरूआती वर्षों में जब ग्राम पंचायत में पानी की समस्याा थी उस दौरान पौधों को जल प्रदान करते हुये सिंचाई कर पौधों को जीवित रखा गया जिससे आज जीवित पौधे ग्राम पंचायत की आय के स्रोत के रूप में परिणित हुये है।
समाज में बदलाव परिलक्षित हुआ
ग्राम पंचायत कचनारी की दृड इच्छाशक्ति, वरिष्ठत अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा श्री यजुवेन्द्र कोरी एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी डॉ अजीत सिंह के परिणाममूलक प्रयास 513 मनरेगा श्रमिकों के लगातार मेहनत से कचनारी गाँव की चार एकड़ जमीन को आज हरा-भरा बना दिया है। महज चार साल की अवधि में रोपे गए सभी पौधे आज कम से कम दस फीट के हरे-भरे पेड़ बन चुके हैं। ग्राम पंचायत में फैली सघन हरियाली और उनके मध्य उड़ती रंग-बिरंगी तितलियाँ व विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की आवाजों ने इसे परंपरागत वृक्षारोपण से अलग कर विशेष वृक्षारोपण का दर्जा दे रहे हैं।
पर्यावरण में हुआ सुधार
ग्राम पंचायत कचनारी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से गाँव की खाली जमीन पर महज तीन साल पहले 680 छायादार और फलदार मिश्रित प्रजातियों के पौधे लगाए थे, अब ये पौधे पेड़ बन चुके हैं और कुछ में फल भी आने लगे हैं। इस वृक्षारोपण ने खाली पड़ी को हरियाली की चादर से ढंक दिया है। इस हरियाली से गाँव की आबो-हवा अब स्वच्छ होने के साथ-साथ आस-पास का पर्यावरण भी सुधर रहा है।
4 हजार 539 मानव दिवस का रोजगार सृजित
ग्राम पंचायत की सरपंच द्रोपतीबाई, पूर्व सरपंच सुरेश राय, सचिव विनोद बागरी, ग्राम रोजगार सहायक श्री मुकेश बरकड़के एवं विरासन देवी समिति इस संबंध में बताते हैं कि जलसंरक्षण एवं सवर्धन के लिए पंचायत ने खाली पडी शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण का प्रस्ताव रखा था। जिस पर जून 2019 में राशि 5.44 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई। ग्रामीणों को रोजगार देने और जलसंरक्षण एवं सवर्धन के लिए पंचायत ने वृक्षारोपण का काम शुरु किया। भूमि पर 3 फीट गहराई से मिट्टी खोदकर, उसमें वर्मी कम्पोस्ट डालकर उसे उपजाऊ बनाया गया। पौधों को रोपने का कार्य गाँव के लगभग 513 मनरेगा श्रमिकों ने अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी के रुप में पूरा किया है। इन्हें महात्मा गांधी नरेगा से 4 हजार 539 मानव दिवस का सीधा रोजगार उपलब्ध कराते हुए, 4.83 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया।
भू-जल स्तर में सुधार
अब प्लांटेशन के आस-पास का भू-जल स्तर 150 से 200 फीट का हो गया है, जो कभी 100 फीट से नीचे चला गया था। बंजर भूमि की बदली इस तस्वीर ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी प्रभावित किया है। इस वृक्षारोपण से ग्राम पंचायत कचनारी को लगभग 2 साल के अन्दर फलदार पौधो से लगभग 50 हजार से 1 लाख रुपये की आय होना संभावित है।