कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। वर्चुअली रूप से पांढुर्णा कलेक्टर, सीसीएफ और सबंधित जिलों के डीएफओ और माइनिंग अधिकारी जुड़े थे।
जबलपुर
बैठक में वन सीमा से 250 मीटर परिधि में राजस्व क्षेत्रों में माइनिंग लीज के निराकरण के संबंध में चर्चा की गई।जिसमें डोलोमाइट, लेट्राइट,मुरम व गिट्टी खदानों के मामले थे।इसमें जबलपुर के पांच, कटनी के चार और मंडला, बालाघाट, पांडुर्णा के एक- एक खदानों की अनुमति सभी शर्तों के आधार पर दी गई। इसके साथ ही पिछली बैठक में जिन नये खदानों को स्वीकृति दी गई थी, उनके रिपोर्ट भी मांगा गया और कहा गया कि क्या वे खदान नियमानुसार संचालित हो रहे हैं?
साथ ही कहा गया कि खदानों का फिजिकल वेरिफिकेशन फोटोग्राफ्स के साथ हो, सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए और हर गाड़ी में जीपीएस रहे और जिओ फेंसिंग भी हो ताकि अवैध माइनिंग न हो।