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Friday, April 18, 2025

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम: सुप्रीम कोर्ट का तेलंगाना सरकार को कड़ा आदेश

पर्यावरण संरक्षण और जवाबदेही की दिशा में एक मजबूत कदम उठाते हुए, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

दिल्ली

कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन वन क्षेत्रों में बिना अनुमति पेड़ काटे गए हैं, वहां तुरंत पुनः वृक्षारोपण किया जाए। यह आदेश अवैध वनों की कटाई को रोकने और पर्यावरणीय कानूनों के सख्त पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ और कठोर था: हरे आवरण को यथाशीघ्र पुनः बहाल करें, अन्यथा गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहें। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भेजा जा सकता है, जो पूरे देश में पर्यावरणीय कानूनों को लागू करने की दिशा में एक सशक्त उदाहरण बन सकता है।

अवैध कटाई का मामला

यह मामला तब प्रकाश में आया जब यह रिपोर्ट सामने आई कि तेलंगाना के कुछ हिस्सों में बिना किसी वैध अनुमति के बड़े पैमाने पर वनों की कटाई की गई थी। यह कार्य 1980 के वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन था, जिसके अंतर्गत वन भूमि को गैर-वन कार्यों के लिए उपयोग में लाने से पूर्व केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है।

पर्यावरण कार्यकर्ताओं और एनजीओ ने इस विषय में चिंता जताई और याचिकाएं दायर कीं, जिससे यह मामला न्यायपालिका के संज्ञान में आया। उपग्रह चित्रों और जमीनी रिपोर्टों से पुष्टि हुई कि सैकड़ों एकड़ वन भूमि साफ कर दी गई थी, जिससे गंभीर पारिस्थितिकीय क्षति हुई।

एक ऐतिहासिक फैसला और उसके दूरगामी प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में वनों के महत्व को रेखांकित किया—जैसे कि जैव विविधता की रक्षा, जलवायु नियंत्रण, और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना। अदालत ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की अवैध कटाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, विशेष रूप से उस समय में जब भारत पहले से ही पर्यावरणीय संकटों का सामना कर रहा है।

आगे की राह: निगरानी और भागीदारी

कोर्ट ने सरकार को एक समयबद्ध कार्य योजना बनाने के लिए कहा है जिसमें वृक्षारोपण की संख्या, स्थान, पौधों की प्रजातियाँ, और निगरानी प्रणाली की जानकारी हो। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि उपग्रह चित्रों, जीआईएस मैपिंग और सामुदायिक रिपोर्टिंग का उपयोग करके वास्तविक समय में निगरानी की जा सकती है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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