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Friday, June 20, 2025

चमत्कारी ईडाणा माता के दरबार में 24 घंटे होते दर्शन:

जहां माता करती अग्नि स्नान, खुले आसमान के नीचे माता का बास जहां चढ़ाया जाता त्रिशूल

पंकज पाराशर छतरपुर
हमारे देश भारत में न जाने कितने ही ऐसे मंदिर हैं जो चमत्कारों से भरे हुए हैं। कहीं आज भी श्री कृष्ण रास लीला रचाते हैं, तो कहीं माता के सामने ज्वाला जलती रहती है। यही नहीं कई मंदिरों की मान्यता यह भी है कि आज भी वहां भक्तों की अर्जी सुनने स्वयं भगवान् प्रकट होते हैं और किसी न किसी रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। कुछ ऐसे ही आश्चर्यों से भरा है राजस्थान के उदयपुर में स्थित ईडाणा माता मंदिर जहां माता दूध, दही या जल से स्नान न करके अग्नि से स्नान करती हैं। जी हां यह सच है कि माता का ये मंदिर वास्तव में माता को अग्नि स्नान कराता है जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है l
खुले आसमान के नीचे है माता का वास
उदयपुर जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर कुराबड़- बम्बोरा मार्ग पर अरावली की पहाडिय़ों के बीच स्थित इस ईडाणा माता मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु की हर मुराद पूरी होती हैं। मेवाड़ में ईडाणा देवी मां का यह प्रसिद्ध शक्ति पीठ स्थित है। यहां माता का कोई भव्य मंदिर नहीं बनाया गया है बल्कि ईडाणा माता बरगद के वृक्ष में नीचे विराजमान हैं। माता के सिर के ऊपर कोई शिखर भी विराजमान नहीं है बल्कि माता खुले आसमान के नीचे निवास करती हैं। मां की मूर्ति के पीछे केवल मनोकामना पूरी होने पर भक्तों की ओर से चढ़ाई जाने वाली चुनड़ी और त्रिशूलों का सुरक्षा कवच मौजूद है।
ईडाणा माता करती हैं अग्नि स्नान
हजारों साल पुराने इस श्री शक्ति पीठ ईडाणा माता मंदिर में सदियों से अग्निस्नान की परम्परा चली आ रही है। यहां दर्शन के लिए गए भक्तों के अनुसार माता की मूर्ती के आस -पास कभी भी भीषण आग लग जाती है और यह अग्नि अपने आप ही बुझ भी जाती है। ऐसा माना जाता है कि ईडाणा माता यहां अग्नि से स्नान करती हैं। अग्नि स्नान के समय आग इतनी विकराल होती है कि 10 से 20 मीटर ऊंची लपटे उठती हैं। इससे ईडाणा माता प्रतिमा के आसपास प्रसाद, चढ़ावा, अन्य पूजन सामग्री आदि सब कुछ जलकर राख हो जाता है, लेकिन ईडाणा माता की जागृत प्रतिमा और धारण की हुई चुनरी पर आग का कोई असर नहीं होता है। वास्तव में से घटना किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि अग्नि स्नान के बाद भी माता की प्रतिमा वर्षों पहले जैसी थी आज भी वैसी ही है। जबकि ईडाणा माता के अग्नि स्नान के समय उठने वाली लपटों से कई बार उस बरगद के पेड़ तक को नुकसान पहुंचा हैं जिसके नीचे सदियों से माता रानी विराजमान हैं।
24 घंटे होते हैं मां के दर्शन
इस शक्ति पीठ की विशेष बात यह है कि यहाँ माँ के द्वार और दर्शन चौबीस घंटें खुले रहते हैं। यहां भक्त कभी भी अपनी मुरादें लेकर आते हैं जिन्हें माता पूरा करती हैं। प्रात: साढ़े पांच बजे आरती, सात बजे श्रृंगार दर्शन, सायं सात बजे सायं आरती दर्शन यहां के प्रमुख दर्शन हैं।
बीमारियां होती हैं दूर
इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त जन अर्जी लगाने आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं। यही नहीं यहां खासतौर पर लकवे से ग्रसित मरीज अपने इलाज के लिए आते हैं। मुख्य रूप से यहां लकवा मरीजों का इलाज होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई लकवाग्रस्त व्यक्ति यहां आता है तो वह यहां से स्वस्थ्य होकर ही लौटता है। यहां लकवाग्रस्त से यज्ञ करवाया जाता है तथा मंदिर के तलधर में बने हॉल में एक लोहे के द्वार से लकवाग्रस्त व्यक्ति को गुजारा जाता है। सभी लकवा ग्रस्त रोगी रात्रि में माँ की प्रतिमा के सामने स्थित चौक में आकर सोते है। यहां सोने के पीछे माना यह जाता हैं कि माता अपनी परछाई डालती हैं उससे ही लकवे के रोगी ठीक होते हैं।
माता को चढ़ता है त्रिशूल
ईडाणा माता को मुख्य रूप से त्रिशूल चढ़ाया जाता है और चुनरी चढ़ती है। मान्यता है कि माता को त्रिशूल और चुनरी चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और निःसंतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
अग्नि का रहस्य सुलझाना है मुश्किल
वहां के स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर में महीने में 2 से 3 बार अपने आप ही अग्नि प्रज्ज्वलित होने लगती है और माता इसी अग्नि में स्नान करती हैं। अग्नि की लपटें 20 फिट तक होती हैं लेकिन अग्नि का रहस्य अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है। कहा जाता है कि इसी अग्नि स्नान के कारण यहां मां का मंदिर नहीं बन पाया है और माता खुले आसमान के नीचे निवास करती हैं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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